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अराजकता फैलाने वालों की खैर नहीं ! CM योगी ने आगामी पर्व-त्योहारों के तैयारियों की समीक्षा, बकरीद को लेकर कही ये बात

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि ‘जनहित सर्वोपरि’ शासन का मूल मंत्र है। फील्ड में तैनात प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को संवाद, सजगता और सतर्कता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटे विवाद ही लापरवाही के कारण बड़े विवाद का रूप ले लेते हैं। ऐसे में सजगता, सतर्कता और संवाद के माध्यम से बड़े से बड़े विवाद का समाधान किया जा सकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि क्षेत्र में विवाद की स्थिति में संबंधित थाना ‘तहरीर’ की प्रतीक्षा न करे, आवश्यक कदम तत्काल उठाए जाएं। प्रदेश में शांति, सुरक्षा और सौहार्द का माहौल बना रहना चाहिए।

आगामी पर्व-त्योहारों के तैयारियों की समीक्षा
मुख्यमंत्री सोमवार को शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों, मंडलायुक्त, ज़ोन, पुलिस कमिश्नरेट, रेंज तथा जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदेश की कानून-व्यवस्था, जनसुनवाई व्यवस्था और आगामी पर्व-त्योहारों के तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। 5 जून को गंगा दशहरा, 07 जून को बकरीद और 24 जून को जगन्नाथ रथ यात्रा के मद्देनज़र विशेष सतर्कता बरती जाए। यह समय कानून-व्यवस्था की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है।

सभी जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान अपने-अपने क्षेत्रों में विगत वर्षों में हुई घटनाओं का विवरण खंगालें। प्रतिबंधित पशुओं के काटने, परंपरा से हटकर कार्य करने, अराजकता फैलाने वालों की सूची तैयार कर, संदिग्धों पर निषेधात्मक कार्रवाई की जाए। सभी थाना, तहसील, जनपद में पीस कमेटियों से संवाद सुनिश्चित किया जाए। सार्वजनिक मार्गों पर यातायात अवरुद्ध न हो। धार्मिक स्थलों के आसपास पुलिस बल की पैदल गश्त सतत जारी रहे।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बकरीद पर कुर्बानी के लिए पूर्व निर्धारित स्थल चिन्हित हों। अन्यत्र कतई न हो। प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी पूर्णत: वर्जित रहे। प्रत्येक जिले में कुर्बानी के उपरांत अपशिष्ट निस्तारण की सुनियोजित व्यवस्था रहे। नमाज परंपरागत स्थलों पर ही हो। सड़क मार्ग अवरुद्ध कर नमाज की अनुमति न हो। आस्था का सम्मान हो किंतु नई परंपराओं को प्रोत्साहित न किया जाए। हाल के दिनों में बर्ड फ्लू के केस सामने आने का उल्लेख करते हुए इस पर विशेष सतर्कता बरतने और सुरक्षा के सभी मानकों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

साथ ही मृत पशुओं को नदियों में प्रवाहित न करने के लिए आमजन को जागरूक करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि गंगा दशहरा पर्व के दृष्टिगत गंगा नदी के घाटों की साफ-सफाई व साज-सज्जा कराई जाए। 04 जून को स्वच्छता कार्यक्रम और 05 जून को सायं आरती तथा अन्य आयोजन सुनिश्चित किए जाएं। घाटों पर स्नान के लिए चिन्हित स्थल निर्धारित किए जाएं। सतर्कता के दृष्टिगत गोताखोरों, पीएसी फ्लड यूनिट, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की तैनाती रहे।

उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि अवैध स्लॉटर हाउस किसी भी दशा में संचालित न हों। वैध स्लॉटर हाउस में निर्धारित क्षमता से अधिक पशु न रखे जाएं। खुले में मांस विक्रय प्रतिबंधित रहे। निराश्रित गोआश्रय स्थलों में हरा चारा, पानी आदि की समुचित व्यवस्था बनी रहे। उन्होंने कहा कि तेज हवा व आंधी के कारण बाधित बिजली आपूर्ति की स्थिति में तत्काल रिस्पांस दिया जाए। बिजली आपूर्ति बाधित न होने पाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव सभ्यता का विकास नदियों के किनारे हुआ है। हमारी जीवनदायिनी नदियों का पुनरोद्धार आवश्यक है। उत्तर प्रदेश सौभाग्यशाली है कि हर जिले में कोई न कोई नदी बहती है। जालौन में नून नदी के पुनर्जीवन का सफल मॉडल अन्य जिलों के लिए प्रेरणा बने। इस वर्ष का पौधारोपण अभियान नदी पुनरोद्धार के उद्देश्य से जोड़ा जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर ‘एक पेड़ माँ के नाम’ थीम पर पौधारोपण कराया जाए। इसमें सांसद, विधायक सहित सभी जनप्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित की जाए। वहीं अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) के 11वें संस्करण के।आयोजन की तैयारियों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित योग प्रोटोकॉल अनुरूप मास्टर ट्रेनर तैयार कर जिलों में भेजे जाएं। योग दिवस के मुख्य कार्यक्रम, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सहभागिता होगी, का सीधा प्रसारण सभी स्थलों पर किया जाए।

नगर विकास विभाग व ग्राम्य विकास विभाग द्वारा स्वच्छता कार्यक्रम संचालित किया जाए। योग दिवस से अधिकाधिक नागरिकों को जोड़ने हेतु जन जागरूकता अभियान चलाया जाए।सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने यातायात नियमों की अनदेखी को हादसों का मुख्य कारण बताया। रोड इंजीनियरिंग में सुधार, साइनेज, स्पीड ब्रेकर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। अवैध बस/ऑटो स्टैंड तत्काल हटाए जाएं। सड़क दुर्घटनाओं की ऑडिट कराकर जिम्मेदारी तय की जाए। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी जनपदों में सिविल डिफेंस इकाई के गठन के निर्देश भी दिए।

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने जनसुनवाई प्रणाली की समीक्षा की। अच्छा प्रदर्शन करने वालों की सराहना करते हुए उन्होंने अपेक्षानुसार प्रदर्शन न करने वाले अधिकारियों को सुधार के लिए सख्त निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था और जनसुनवाई शासन की प्राथमिकता है। आईजीआरएस व सीएम हेल्पलाइन से प्राप्त शिकायतों का समाधान संतोषजनक और समयबद्ध हो। मुख्यमंत्री ने जनसुनवाई व्यवस्था को और प्रभावी बनाए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से प्राप्त प्रत्येक शिकायत का समयबद्ध, संतुष्टिपरक समाधान अनिवार्य है। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल निस्तारण नहीं, बल्कि शिकायतकर्ता की संतुष्टि ही अंतिम मानक है।

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