Cloud Seeding: दिल्ली में मंगलवार को क्लाउड सीडिंग के माध्यम के कृत्रिम बारिश कराने का प्रयास किया गया लेकिन नमी की वजह से बारिश नहीं हुई. बारिश नहीं होने की वजह से अब सियासत गर्मा गई है. आप नेता सौरभ भारद्वाज ने ट्रायल को आड़े हाथो लेते हुए फर्जी करार दिया है. आखिर इस क्लाउड सीडिंग से क्या हासिल हुआ और क्या कहती है IIT कानपुर की रिपोर्ट? आइए जानते हैं.
क्या कहती है IIT कानपुर की रिपोर्ट?
IIT कानपुर की रिपोर्ट के अनुसार मौसम की स्थिति अभी क्लाउड सीडिंग के अनुकूल बिल्कुल नहीं थी. कुछ एजेंसियों ने 27 अक्तूबर से 29 अक्टूबर की दोपहर तक क्लाउड सीडिंग के लिए अनुकूल समय बताया था लेकिन उनका अनुमान सही नहीं निकला. हालांकि मौसम विभाग ने नमी का अनुमानित स्तर 10 से 15 प्रतिशत बताया था, जो क्लाउड सीडिंग के लिए पर्याप्त नहीं होता है.
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार फिलहाल दिल्ली में पर्याप्त नमी नहीं है. ठंड के दिनों में क्लाउड सीडिंग तभी की जानी चाहिए जब पश्चिमी विक्षोभ के साथ पर्याप्त बारिश वाले बादल हों, अन्यथा प्लान फेल होने की संभावना रहती है. वर्तमान के दिनों में दिल्ली में आसमान में बादल जरूर दिखाई दे रहे हैं लेकिन ये बारिश कराने के लिए पर्याप्त नहीं है.
एयर क्वालिटी पर दिखा असर
भले ही सरकार द्वारा कराई गई क्लाउड सीडिंग की वजह से बारिश नहीं हुई लेकिन प्रदूषण में थोड़ा सुधार जरूर हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार पहले मयूर विहार, बुराड़ी और करोल बाग में पीएम 2.5 का स्तर क्रमशः 221, 229 और 230 था, जो घटकर क्रमशः 207, 203 और 206 बचा है. इसी प्रकार पीएम 10 का भी स्तर अब इन इलाकों का क्रमशः 177, 177 और 163 रह गया, जो पहले 207, 209 और 206 था.
आप नेता ने बताया फर्जीवाड़ा
दिल्ली में जब मंगलवार को क्लाउड सीडिंग कराने के बाद भी बारिश नहीं हुई तो आप नेता सौरभ भारद्वाज ने सरकार पर सवाल करते हुए फर्जीवाड़ा करार दिया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा ” बारिश में भी फर्ज़ीवाड़ा, Artificial Rain/कृत्रिम वर्षा का कोई नामुनिशान नहीं दिख रहा है । इन्होंने सोचा होगा देवता इंद्र करेंगे वर्षा, सरकार दिखाएगी खर्चा”. हालांकि, यह क्लाउड सीडिंग दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग और भारतीय मौसम विभाग (IMD) की मंजूरी के बाद ही गई थी. इससे पहले भी कई जगहों पर क्लाउड सीडिंग की जा चुकी थी लेकिन दिल्ली में यह पहली बार है.
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